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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

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AMAN SINHA

Romance Tragedy Fantasy

धोखा हो गया

धोखा हो गया

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हज़ारों यहाँ इश्क़ में बीमार बैठे है

जिस गली में देखो दो चार बैठे है

किसी काम में अब जी नहीं लगता इनका

लोग कहते है की ये सब बेकार बैठे है


उंगलियाँ हटती नहीं कभी इनकी चैटिंग से

वक्त मिलता नहीं इनको कभी भी डेटिंग से

हर दिन बदलते है ये प्रोफाइल कपड़ों की तरह

फर्क पड़ता है इन्हें बस टिंडर की सेटिंग से


साथ इनके है अभी कल कोई नया आएगा

भूल जाएगा ये भी वो भी इन्हें भूल जाएगा

दिल का टूटना तो बस एक छलावा है

ये किसी और का वो किसी और का हो जाएगा

 

वादे जितने थे किये सब एक दिखावा था

साथ वो जब भी दिखे वक्त का बुलावा था

हो जाए इश्क़ कभी ऐसी तो सूरत ही न थी

वक्त गुजर जाए बस इतना ही तो इरादा था


ना साफ थे ये और ना साफ थी नियत उनकी

सोच थी इसकी गलत और फितरत थी गलत उनकी

दामन हो साफ़ किसी का भी मुमकिन ना था

रंगे थे हाथ दगाबाजी में बराबर इन दोनों की


दगा दे जाएंगे एक दिन ये पता था दोनों को

न ठगे जाएंगे कभी ये गुमां था दोनों को

एक ही साथ वो दिल को यूं लगा बैठे

यूं मारे जाएंगे कभी यकीं ना था दोनों को  


चाहा जब छोड़ के जाना साथ एक-दूजे का

छोड़ ना पाए आज वो हाथ एक-दूजे का

उनका बुना जाल खुद पर ही पड़ गया उलटा

अब निभाना पड़ रहा है साथ एक-दूजे का


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