इजहारे मुहब्बत
इजहारे मुहब्बत
कभी तो प्यार का इजहार किया कीजिये,
कभी तो दिल में बस के प्यार किया कीजिये।
है उल्फत जो तुमको हमसे तो लाओ कभी लव पर,
बनके तस्वीर यार नजर आया तो कीजिये।
कभी तो
देखो कभी बदली जो झूमती है मस्ती मैं,
उल्फत दिखाने अपनी बरसती मस्ती मैं,
फिर देखो जमीं को कैसे महकती है उसके बाद,
बारिश की तरह तुम भी कभी बरसा तो कीजिये ।
कभी तो
आती नहीं हमको ये उल्फत भी निभानी,
कैसे दिया करते हैं मुहब्बत मैं निशानी,
कैसे किया करते हैं इजहारे मुहब्बत,
मुहब्बत मैं बहुत पीछे हैं हम, समझा तो कीजिये।
कभी तो प्यार का इजहार किया कीजिये
कभी तो दिल में बस के प्यार किया कीजिये।

