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Shivam Antapuriya

Romance

3  

Shivam Antapuriya

Romance

वो शर्मा गई

वो शर्मा गई

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आज फ़िर दिखी

और मुलाकात हो गई

चाँद से उसके चेहरे से

फिर बात हो गई।


शीशे सी चमक

मेरे ऊपर पड़ गई

आँखों से आंखें मिली

और वो शर्मा गई।


इश्क की जीत- हार में

दोनों पर ही मेरे वार थे

वो हँसती रही

मैं मुस्कुराता गया

चाह की चाह में


वो बहती गई

वक़्त के साथ

वो भी बदलती रही

पीछे हटते-हटते

वो मेरी हो गई।


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