मैंने एक ख़्वाब देखा
मैंने एक ख़्वाब देखा
मैंने आज एक ख़्वाब देखा
ख़्वाब में तेरा साथ देखा
हाथों में हाथ देखा
मसरूफियात का
उतरा नक़ाब देखा।
तुझे बस अपना पाया
तूने लहज़े में अपनापन दिखाया
जो तू कहता था प्यार
आज वही नज़र आया
मुद्दत बाद तूने अपनी
मोहब्बत आँखों से झलकाया।
काश तू वही ख़्वाब होता
हक़ीक़त में भी तू
इतना लाज़वाब होता
मुझसे इश्क़ तुझे बेहिसाब होता
ना टूटता ये ख़्वाब
ना दिल तेरी याद में रोता।

