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Sana Johar

Tragedy

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Sana Johar

Tragedy

भेदभाव

भेदभाव

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लड़के लड़की में भेद भाव, तो देश की ये परिभषा है

लड़का फेल करे तो ठीक, लड़की पे कौन खर्च करना चाहता है !


यहाँ लड़की को शादी के लिए, बाहर से मिलते ताने हैं

कुछ तालीम-याफ़्ता लोग तो, नौकरी ना लगने पे भी खूब सुनाते हैं !


वो आज भी कहते लड़की को, ना पढ़ती तो अच्छा होता

पढ़ लिख कर भी उनको तो, बस चूल्हा-चौका करना है !


फिर शादी फिर बच्चे, घर का ही बस धयान रखे वो

डिग्री रख कर भी, कौन सा उनको अफ़सर की पोस्ट पे रहना है !


हर चीज़ में लड़की पीसती है, रंग-रूप के आगे बेबस है

हो नौकरी तो कहे रूप है कैसा, और ना रहे तो फिर किस काम की वो !


ये कैसा समाज है अपना, इज़्ज़त के लिए भी मैय्यार है...

ना जी सकती कोई बिन शादी, ना मिलता उसे कोई अधिकार है !


आसान नहीं यहाँ ज़िन्दगी लड़की की, लड़को का बस यहाँ राज़ है

इस समाज को बदलना भी, सबसे मुश्क़िल इम्तेहान है !


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