रास्ता
रास्ता
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रास्ता अनजान था,
तो मंज़िल कैसे आसान होती,
रास्ते का पता होता,
तो मंज़िल भी हम पर क़ुर्बान होती !
रास्ता अनजान था,
तो मंज़िल कैसे आसान होती,
रास्ते का पता होता,
तो मंज़िल भी हम पर क़ुर्बान होती !