यादें
यादें


तुम्हें तुम्हारी मोहब्बत मुबारक हो,
मुझे मेरी इज़्ज़त ही प्यारी है!
ना बचा पाये मेरे किरदार को,
ना ही दिखा पाये खुद के कहे प्यार को!
क्या भरोसा इसी का दिया था,
क्या वादा इसी का किया था
तुम्ही ने कहा था कि अनमोल हूँ,
हर चीज़ कहा था कि बेमोल है!
ना निभानी थी तुमको मोहब्बत की रस्मे,
तो ना खानी थी फिर साथ रहने की कसमे!
चलो अब अलग हूँ तो इत्मिनान हो तुम,
मेरे लिए न परेशान हो तुम!
बेवफाई के दर्द भी भर जायेंगे,
एक दिन हम भी बदल जायेंगे!