सुना तुमने
सुना तुमने
सुना तुमने
तुम सुन पा रहे हो न
बताओ कब सुनोगे
तुम क्यों नही सुनते
देखो न
ये सावन का संगीत सुन पा रहे हो न
बरसते मेघों की टिपटिप
पक्षियों का कलरव सुन रहे हो न
फूलों की खुश्बू
धरा की हरियाली सुन पा रहे हो न
मंद बयार
पक्षियों का कलरव सुन रहे हो न
क्या यही प्यार है
रागिनी बज रही चहुँ ओर अब
मौसम गुनगुना रहा है
क्या यही प्यार है !
एक दूसरे की धड़कनों को सुने
एक दूसरे में खो रहे है हम
दो जिस्म एक जान हो रहे हम
हाँ यही प्यार है।

