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Husan Ara

Romance

2.5  

Husan Ara

Romance

ओ साथी रे

ओ साथी रे

1 min
364


सर्दी की गरम धूप सा अहसास,

गर्मी की नरम हवा सी मिठास।

तेरी मौजूदगी हवाओं को,

बसंती फूलों सा महकाती रे

ओ साथी रे, ओ साथी रे।


हम सुख-दुख मिलकर बांटते,

कभी कांटो से कलियां छांटते।

हर पल ये प्रेम की रौशनी,

बस यूँ ही रहे गहराती रे

ओ साथी रे, ओ साथी रे।


हमारी छोटी छोटी खुशियों की आखेट,

बने तुम मेरे हमदर्द, प्रिय और सोलमेट।

कैसा बांध दिया ये बंधन,

तुम बने दिया मैं बाती रे

ओ साथी रे, ओ साथी रे।


गा गाकर तेरे गीतो को,

बस अपना मन बहलाती रे

ओ साथी रे, ओ साथी रे।


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