क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
अब तुमसे मैं दूर भी जाऊँ तो जाऊं कैसे
मुहब्बत है इतनी तुम से तुम्हें बोलो बताऊँ कैसे।
हर लम्हा बेसब्री से रहता है तेरा ही इंतजार,
रहता है दिल बहुत उदासउसे समझाऊँ अब कैसे।
बात नहीं होती है जब तुम से अश्क बेथाह बहते हैं
बहते अश्को की धार को तुम बताओ रूकवाऊँ कैसे।
तेरी मुस्कान तो मेरे जीने की वजह बनती जा रही है,
हर लम्हा खोया रहता है दिल इस दिल को मनाऊं कैसे।
एक बात पूछू जवाब दोगे तुम इश्क इतना खूबसूरत क्यूँ होता है,
तुम्हें महसूस कर अजीब सा होते अहसास को दिखाऊँ कैसे।
तेरी आँखों की गहराइयों में मै डूबना चाहती हूँ ,
इन आँखों की बेचैनियाँ की तड़प तुम्हें करवाऊ कैसे।
कमबख़्त दिल है मेरा दीवानगी में सारी हरे तोड़ रहा है,
क्या यही प्यार है आ भी जाओ तुम बिन खुद को संवारू कैसे।
सुनना चाहती हूँ तेरी बातों को बाहों में आकर तेरी मैं,
इबादत सी हो गई मुहब्बत तेरी तेरे पास आऊँ कैसे।

