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Ravi Purohit

Romance

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Ravi Purohit

Romance

कॉटन-कैंडी-सी तुम

कॉटन-कैंडी-सी तुम

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मैं बच्चे-सी जिद्द लिए

लपकता हूँ तुम्हारी तरफ

और तुम

भरी दुपहरी की

मृगतृष्णा-सी

सरक जाती हो हर बार।


दोनों हाथों में

टाफियां भरे

मुंह बाए

खड़ा रह जाता हूँ

और तुम 

ललचा कर मुझे

कॉटन-कैंडी-सी अलोप जाती हो।


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