धीमा धीमा प्यार
धीमा धीमा प्यार
दिल ने मुझको इतना लाचार किया।
धीमा धीमा सा तुझसे प्यार किया।
उम्मीद की लहरों का सैलाब लिया।
हर धड़कन को साथ चाहत तेरी जिया।
सर्दी की कपन गर्मी की भुजंग धूप।
आसमां की काली घटा बारिश की बूँद।
जात पात के बंधन से खुद को आज़ाद किया
बना तुझे हमराह निश्चल घुट प्यार का पिया।
चारो ऋतु आठो पहर पहलू मे तेरी ही रहा।
हो कर मदहोश तुझमें धीमा धीमा प्यार किया।
दूरियों मे भी नज़दीकियो का आनंद लिया।
प्यार भरी जिंदगी जिंदगी भर जिया।
राहे मेरी असान सी मंजिल करीब हो गई।
मिली जो तू दिलजान जान मेरी तू हो गई।
ख्याल मे भी ख्याल ना होगा सहन जुदाई का।
प्यार तुझसे जानेजान हद से बेहद हो गया।
सागर भर के अपने अंदर पल पल मै जिया।
हर मौसम मे भीगा प्यार ऎसा कुछ किया।
दिल ने मुझको इतना लाचार किया।
धीमा धीमा सा तुझसे प्यार किया।

