सिर्फ तेरा हूँ
सिर्फ तेरा हूँ
रोते हैं वो जो कभी !
साथ मे हंसते थे !
हाँथ थाम कर चलते थे साथ !
वो अब वीरान घूमते है !
कुछ सवाल उसके थे !
जिसका जवाब मेरी खामोशी थी !
उसने वो सुन लिया!
जो मैंने कहा ही नहीं !
मैंने वो समझ लिया!
जो कभी था ही नहीं !
लेकिन ख्याल है एक दूसरे का !
तांका झांकी अब भी होती है !
करते हैं परवाह एक दूसरे की !
आंखे इनकी अक्सर रोती हैं !
है अगर इतना ख्याल!
तो साथ क्यूँ नहीं आ जाते !
पूछता है मन मेरा !
गुजरा वक़्त क्यूँ नहीं भूल पाते !
कुछ जिम्मेदारियां हैं उसकी !
मजबूरियों मे मैं भी घिरा हूँ !
इस जन्म में मुमकिन नहीं शायद!
अगले जन्म में, मैं सिर्फ तेरा हूँ !

