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Rudra Singh

Romance

3  

Rudra Singh

Romance

देती नहीं जवाब वो मुझे

देती नहीं जवाब वो मुझे

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पढ़ कर मेरा खत वो फ़ाड़ देती है,

देती नहीं जवाब वो अब नजरें चुराती हैं,


जरूरत उसकी बस दोस्ती निभाती हैं,

कहाँ उसे अब वे वक़्त मेरी याद आती हैं,


मुसलसल लिखे खत मैंने उसको,

न कोई जवाब मुझे भिजवाती हैं,


तेरे इन इशारों को मैं क्या समझूं

कभी आती कभी जाती हैं,

न कोई बात अब तू मुझे बताती है।


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