देश की प्रहरी
देश की प्रहरी
हाथों में अस्त्र-शस्त्र और
माथे पर संविधान का भार,
उसकी शक्ति करें अन्याय पर वार।
देश की प्रजा की प्रहरी बन वो,
जिंदगी की राह आसान करें।
पुरुषों से नही है कमतर,
मुश्किलों से लड़े डटकर।
दुष्टों का न्याय करें,
कराये शक्ति का एहसास।
देश की सीमाओं पर
या देश का स्वास्थ्य,
हर क्षेत्र में रहे अग्रणी।
देश के पंख बन,
भरती रहे ऊँची उड़ान।
अंतरिक्ष की अदभुत सैर हो,
नापे ब्रह्माण्ड का परिमाण।
दुष्टों के लिए दुर्गा बन जाये,
निर्बलो के लिए जीवनदायिनी।
वर्दी में बदले हुए उसके रूप को,
दे रहे ईश्वर आशीर्वाद।
मेरे लिए एक आदर्श जीवन,
उनको मेरा शत-शत नमन।