यादों के साये में जीना
यादों के साये में जीना
मुश्किल है मेरे लिए, बीते पलों को संजोये रखना
चाहूँ बदलते वक्त संग, मिलकर नयी यादें संजोना
जो दे मन को तकलीफ उसे, हमेशा के लिए भूल जाना
हो चाहे गम या ख़ुशी यहाँ, हमेशा खुद को ख़ुशी ही देना
कैसे मुमकिन है हर वक्त, उन्हीं यादों के साये में जीना
सोचकर जिनके बारे में दिल को, एक पल सुकून न मिलना
जाने फिर भी है क्या मजबूरी, रहता माथे पर शिकन जरूरी
क्या आ जाए एक प्रलय ही ऐसे, काटे ये इन सब यादों की धुरी
