डरावना
डरावना
तन्हाई में
डरावना दृश्य
डरावनी रातें
डसती है देखो
उम्मीद लगाये बैठे हैं
कब आयेगी मेरे घर
खुशियों भरी सौगातें
या यूँ ही गुजरेंगे
हमारे पल दो पल
बढ़ेंगे क्या उनसे
हमारी ताल्लुकातें
सपना को भी
सताने लगी
वो मौसम की बरसातें।
तन्हाई में
डरावना दृश्य
डरावनी रातें
डसती है देखो
उम्मीद लगाये बैठे हैं
कब आयेगी मेरे घर
खुशियों भरी सौगातें
या यूँ ही गुजरेंगे
हमारे पल दो पल
बढ़ेंगे क्या उनसे
हमारी ताल्लुकातें
सपना को भी
सताने लगी
वो मौसम की बरसातें।