डर
डर
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कविता: मुस्कान
अंग्रेज़ी से अनुवाद: मोहनजीत
मुझे जलन होती है
उन गगनचुंबी इमारतों से
जो आसमान को छूती हैं
और सितारों से जा मिलती हैं...
यह ठीक वैसा ही है
जैसा मैंने सदैव चाहा है,
तुम्हारे अतिरिक्त!
ऊपर आसमान में
सितारों के साथ बैठ कर
दुनिया को...
और नीचे गुज़रती
गाड़ियों को देखना!
पर मुझे डर लगता है,
हाँ, मैं डरती हूँ;
अगर उन्होंने भी
मुझे न चाहा, तुम्हारी तरह...
मैंने सुना है
जो भी ऊपर दिखता है
वो वहाँ पर सदियों से है...
मैं ऊपर पहुँचूँ
और वो सब मर चुके हों -
तब शायद जो बारिश होगी
वो असल में, मेरे आँसू होंगे !