डर या फ़िक्र
डर या फ़िक्र
माना जंग बड़ी है,और
हल नहीं है, मगर फिर भी
मैंने सर्वधर्म देश की
देशभक्ति को देखा
हर किसी को धर्मों से परे
एकमत हो एकरंग में
रंगते भी देखा।
मैंने परायो में भी
अपनो को देखा।
मैंने हर दिल में
ये विश्वास देखा,
कि ना डरेंगे और
ना हारेंगे हम,
अपने देश को
इस दंश से मिलकर
बचाएँगे हम।
माना ये जंग बड़ी है मगर
हौसला हमारा अभी हारा नहीं है।