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Rooh Lost_Soul

Abstract

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Rooh Lost_Soul

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मोहब्बत - तड़प या सुकून

मोहब्बत - तड़प या सुकून

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तुमसे मिलना सुकूँ देता है मगर

तुम्हारी यादें बहुत तड़पाती है ।


तुम्हारे लिए कुछ भी, हाँ कुछ भी

कर गुज़रना सुकूँ देता है, मगर

तुम्हारा पलट कर न देखना भी

कमबख़्त बहुत तड़पाता है ।


तुम्हारे लब पर मेरा नाम सुकूँ देता है, मगर

उसका तुम्हारे करीब आना तड़पाता हैं।


तुम्हारा ख्यालों में आना सुकूँ देता है मगर

तुम्हारा साथ न होना, बहुत तड़पाता है


तुमसे जुड़ी तमाम यादे सुकूँ देती है मगर

तुम्हारी कही तल्ख़ बाते,बहुत तड़पाती है।


वार कर सारा सुकूँ, तुझ पर अपना 

ये रूह तो आज भी तड़पती है।


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