मेरा लिखना
मेरा लिखना
न शौक है और न आदत है
लिखना तो मेरी एक अधूरी चाहत है।।
न मौज है और न बग़ावत है ।
लफ्ज़ तो मेरे लिए एक इबादत है ।।
न बेचैन है और न ख़ैरात है।
दिल के मेरे एक अनकही सी राहत है ।।
न सुर्ख़ है और न सफेद है,
हर पन्ना मेरे लिए एक आयत है ।।
न नाराज़गी है और न शरारत है ।
ख़ामोश लफ्ज़ हों मेरे तो एक क़यामत है।।