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Shilpi Goel

Abstract Romance Inspirational

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Shilpi Goel

Abstract Romance Inspirational

डोर

डोर

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तुम आज भी मुझे लगती बड़ी प्यारी हो

जैसे खिली हर तरफ अनेको क्यारी हो।

तेरा 'अजी सुनते हो' कहकर पुकारना

कर जाता है मुझको आज भी दीवाना।

तेरी मेरी कहानी है सुहानी बड़ी

तुझसे जुड़ी मेरे वजूद की हर कड़ी।

है वादा जो जन्मो का साथ निभाने का

करेंगे पूरा, अधूरा सपना आशियाने का।

बनाकर घरौंदा सपनों का नया

सेवा निवृत्त हो करेंगे बसेरा वहाँ।

बिताएंगे बगीचे में वक्त साथ-साथ

चाय की चुस्कियों संग होगी हर बात।

दिल चाहे लगाना बालों में गजरा तेरे

याद हैं वो लेने तेरे संग सात फेरे।

मेरे शब्दों की हर महक में तेरा बसेरा

तेरे बिन कुछ नहीं है यह जीवन मेरा।

तेरे संग बिताना चाहूँ चारों पहर

तुझमें ही बसा मेरा सारा शहर।

अब तो निकल आए दाँत भी बाहर

अब तो छोड़ दो तुम लगाना गुहार।

अपना अक्स तलाशने की जरूरत ना मुझको

तेरे साथ से सब है हासिल मुझको।

हो मुबारक यह हमको पचासवीं सालगिरह हमारी

बढ़ती रहे साल दर साल यूँ ही दोस्ती हमारी।

है अंतिम इच्छा बस इतनी सी मेरी

हाथों से हाथ तेरा ना छूटे कभी।

आखिरी सांस तक हो तू साथ मेरे

तभी मुकम्मल होंगे हमारे सात फेरे।


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