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Deepika Sharma narayan

Tragedy Inspirational Others Romance

4.5  

Deepika Sharma narayan

Tragedy Inspirational Others Romance

ढलती उम्र का इश्क़

ढलती उम्र का इश्क़

2 mins
433


 #SMBoss


जिम्मेदारियां सारी पूरी कर, जब एक दूसरे की जिम्मेदारी उठा ली जाती है,

 बातें अनकही कुछ पूरी हो जाती है,

 तुम और मैं जब हम हो जाते हैं

 फर्ज समर्पण से इतर दो जीवन प्रेम के मोती जैसे  बंध जाते हैं,

ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और जवां हो जाते हैं।


 घुटनों का दर्द या धुंधली होती नजर ,

एक दूसरे को "मैं हूं ना"का हौसला दिए जाते हैं

हर पल साथ छूटने के डर में जिए जाते हैं ,

पर खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाते हैं,

 यही तो वह उम्र है जनाब जिसमें 2 लोग हमनवा हो जाते हैं ,

ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और जवां हो जाते हैं।


 सफेदी अपनी काली करते, झुर्रियों को छुपाते जब हौले से मुस्कुराते हैं , कांपते से दो हाथ एक दूजे से बंध जाते हैं,

ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और जवां हो जाते हैं।


 दर्द दूसरे का अपना सा लगने लगता है ,

घर के कामों में हाथ बटाना अब नहीं बेकार लगता है ,

यही तो वह उम्र है जिसमें दिल से दिल गूंथ जाते हैं,

 ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और जवां हो जाते हैं।


दोस्तों की महफिल और सखियों की गप्पे अब इनसे दिल ऊब जाता है,

 शाम की चाय के दो प्यालों में दुनिया का सकून उतर आता है,

 यही तो वह लम्हे है जो कुछ और जीने की जुस्तजू दे जाते हैं ,

ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और  जवां हो  जाते हैं।


  मायका,ससुराल बच्चे काम सब बेमानी सा हो जाता है

एक दूजे से बंधी रहे सांसो की डोर बस यही एक अरमान सजाते हैं,

 पेशानी पर आई सलवटो को एक दूजे से छुपाते हैं,


 दूजा कैसे रह पाएगा अकेला यही सोच घबराते हैं,

 सच ही तो कहते हैं ढलती उम्र में इश्क के फूल कुछ और जवां हो जाते हैं।


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