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Deepika Sharma narayan

Children Stories Inspirational Children

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Deepika Sharma narayan

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बादल का नन्हा सा टुकड़ा

बादल का नन्हा सा टुकड़ा

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बादल का नन्हा सा टुकड़ा उड़ता फिरता यहां वहां,


 जब मन करता चंचल का वह वर्षा करता वहांं वहां,

एक दिन नन्हा सा वह बादल उड़ते उड़ते भटक गया,


 अनजानी राहों में खो के वह नन्हा सहम गया,

 बहते बहते हवा ने देखा उस नन्हे बादल को,


जाकर पूछा बादल से क्यों सहमें से दिखते हो,

क्यों इतने घबराए हो ?

रोते-रोते बादल बोला घर का रास्ता भूल गया,


 कैसे वापस घर को लौंटू, मैं तो यहां भटक गया

बहते बहते हवा ने नन्हीं बादल को संग लिया


 संग लिया नन्ने बादल को घर अपने छोड़ दिया।

 नन्हा सा बादल का टुकड़ा मां से अपनी लिपट गया।


संग तेरा ना छोडू मैया मैं तो अब ये समझ गया।

बादल का नन्हा सा टुकड़ा उड़ते उड़ते भटक गया।


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