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Deepika Sharma narayan

Abstract Inspirational

4.5  

Deepika Sharma narayan

Abstract Inspirational

मां

मां

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जीवन के स्पंदन से खुद को मजबूत करती मां,

छोटी सी चोट लगने पर घर को सर पर उठाने वाली मां,

मृत्युतुल्य कष्ट सह कर जीवन को हलचल देने वाली मां

बड़ा कठिन है शब्दों में पिरोना, क्या होती है मां।


अपनी छोटी छोटी ख्वाहिशों को भूल,

बच्चों की चाहतों को हर पल सहेजती मां

संतति की खुशियों की खातिर, खुद को भूलती मां।

बड़ा कठिन है शब्दों में बयां कर पाना, क्या होती है मां


सही राह सिखाने को, लाडलो को डांट कर खुद आंसू बहाने वाली मां

नाराज़ हूं तुमसे, रूठी हूं तुमसे कहकर,नम आंखों से गले लगाने वाली मां

बड़ा कठिन है शब्दों में बयां कर पाना क्या होती है मां।

संतान को मजबूत करने, हर पल कुछ और मज़बूत होती मां


बच्चों में शक्कर सी घुलती,खुद को समेटती,

मातृत्व का अक्स होती मां।

बड़ा कठिन है शब्दों में बयां कर पाना क्या होती है मां।


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