यादों की बारिश
यादों की बारिश
बरखा की बूंदों में कोयल की कूको में
फिर वह समा याद आता है,
भीगा ठंडा सा यादों का झोंका मुझको भी छू जाता है।
तेरी यादों की बारिश में एक बार फिर मेरा मन भीग जाता है।
सावन के झूले और मेहंदी की खुशबू
मुझ में कुछ घुलती तेरी सांसों की खुशबू
झूले की पींगे दिल को दुखाती हैं,
तेरी यादों की बारिश फिर मेरी आंखों को नम कर जाती है ।
ढोलक मंजीरे कजरी की तान
काली घटाएं सीली सी पुरवाई,
प्रेम के इस महीने में भी प्रियतम तुमको मेरी याद ना आई
विरह की अग्नि में जल जल मैंने कितनी जान जलाई है ,
तेरी यादों की बारिश ने फिर वापस आ मेरी पीर बढ़ाई है।