दास्तान -ए - इश्क़
दास्तान -ए - इश्क़
नदी के किनारे पर बैठ कर तुम्हें देखना
हसीन लम्हों की शाम के जैसा है।
हमारे यह सफ़र की दास्तान
मुरझाए फूलो में भी महक के आ जाने के जैसा है।
फ़िल्मों के किरदारों के जैसे तुम्हारी मुस्कान पर फ़िदा होना
अंधकार से रोशनी की और जाने के जैसा है।
ग़ुस्से में तुम्हारा किसी विलेन के जैसा बन जाना
झूठ से डरते हुए शैतान के जैसा है।
खाने की आदत वेज जैसी साधारण तुम्हारी
हँसते चेहरों पर ख़ुशी लाने के जैसा है।
प्यार की विचारधारा बलोकलिस्ट के जैसी
परेशानी से मिली राहत के जैसी है।
तुम्हारा मुझे मेरी दुनिया कहकर पुकारना
किसी सपने का हक़ीक़त होने के जैसा है।
#SM Boss