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Deepti S

Romance

4.7  

Deepti S

Romance

चुपके से यादों में आना

चुपके से यादों में आना

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थम जाए ये लम्हा यहीं ना रह जाए कोई कसक 

छू रही दिल को, वो बारिश की बूँदों में तेरी महक


मेरे आँचल को भीगो के तेरा शरारत से मुस्कुराना

धड़कनें बढ़ जाती हैं सिहर उठता है यादों का तराना


यूँ तेरी अठखेलियों से मेरी ज़ुल्फ़ों का उलझ जाना

दस्तक देता है हर पहर, तेरा चुपके से मुझे छेड़ जाना 


वो हवाओं की नयी सौग़ात लाए हो जो अपने साथ

आह भर कर समेट बैठें हैं सुखद एहसास के बाद


जज़्बातों को अंकुरित कर प्रेम का बीज

बोया है 

बिखरे जीवन के मोतियों को माला में पिरोया है


पुष्पों की वर्षा से ख़ुशनुमा माहौल बन आया है

तुम्हारे वत्सल हृदय में ही मेरी धूप और छाया है


कर दिया सब तुमने मुझे समर्पित, और क्या मैं बोलूँ 

स्वप्न नहीं है पर दिल करता अपनी पलकें ना खोलूँ 


ये सतरंगी पल इंद्रधनुष के रंगो से लगते हैं

चहुँ ओर मेरे ये नाचते फुदकते हैं


ये अनुभूति इतनी सुखद और अविस्मरणीय है

जिसके लिए शब्दों की ये कलम रमणीय है


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