चुप रहना सीख लिया मैंने
चुप रहना सीख लिया मैंने
जिंदगी में खुश रहना सीख लिया मैंने
अब चुप रहना सीख लिया मैंने
जिंदगी तू जो देती है वह लेना सीख लिया मैंने
अब जीवन में खुश रहना सीख लिया मैंने
अब चुप रहना सीख लिया मैंने
लोग जो ज्ञान देते हैं
वो ठीक लगा तो लेना सीख लिया मैंने
नहीं तो चुप रहना सीख लिया मैंने
जिंदगी में खुश रहना सीख लिया मैंने
चुप रहना सीख लिया मैंने
लोगों की बातों को मन से लगाना छोड़ दिया मैंने
गम में भी हंसना सीख लिया मैंने
अब चुप रहना सीख लिया मैंने
यह जिंदगी बहुत बड़ी है।
बहुत लंबी भी इसमें
कुछ खुशी के पल है तो कुछ कम भी
कुछ अच्छे लोग हैं तो कुछ बुरे भी
कुछ अपने है तो कुछ पराए भी
कुछ पराए बनके भी बनते हैं अपने भी
लोगों को पहचानना सीख लिया मैंने
अब खुश रहना सीख लिया मैंने।
