जिंदगी की सीख
जिंदगी की सीख
जिंदगी आज फिर तू धोखा दे गई मुझे
क्या सोचा था मैंने और तू क्या दे गई मुझे
पर आज ना रुकूगी ना झुकूंगी में
जो दिया है हंस के जियूंगी में
शायद तू यही सिखा गई मुझे
जिंदगी आज तू फिर धोखा दे गई मुझे
तेरे इस धोखे ने भी बहुत कुछ सिखा दिया मुझे
लक्ष्य धैर्य और विश्वास का पाठ पढ़ा दिया मुझे
कुछ पाना है तो इन तीनों का साथ लेना होगा मुझे
सिर्फ साधना से कुछ नहीं होगा यह बतला गई मुझे
जिंदगी आज फिर तू धोखा दे गई मुझे
क्या सोचा था मैंने और तू क्या दे गई मुझे
आज ना रुकूगी में एक नया सपना देखोगी मैं
होगा मेरा भी नाम, होगा मेरा भी सम्मान
सर उठा कर जीना तू सिखा गई मुझे
क्या कमी थी मुझमें यह बता गई मुझे
सच्चाई का आईना दिखा गई मुझे
जिंदगी तेरे धोखे ने बहुत कुछ सिखा दिया मुझे
दूसरों के बजाय खुद पर विश्वास करना सिखा दिया मुझे
जिंदगी तू बहुत कुछ सिखा गई मुझे
जिंदगी आज तू फिर धोखा दे गई मुझे
क्या सोचा था और क्या कुछ तू दे गई मुझे
जिंदगी सच्ची खुशी दे गई मुझे।
