STORYMIRROR

Pankaj Prabhat

Drama Inspirational

4  

Pankaj Prabhat

Drama Inspirational

चलते जाना मुश्किल

चलते जाना मुश्किल

1 min
403

मैं मजरूह और साहिर के शेरों को, सुनता रहता था,

जब खुद पर गुजरी तो जाना पंकज, शायर सच कहता था।


हार कर रुक जाना आसान है, काँटो पर चलते रहना मुश्किल,

मुश्किलों को गिनाना आसान है, मुश्किलों को जीतना मुश्किल।


जी चाहता था, और सो लूँ थोड़ा, न छूटे तकिया और बिछौना,

वक़्त के आगे, अपने घुटने टेकूँ, कहूँ की थोड़ा धीरे चलो ना।

बीते वक़्त का शोग आसान है, जाते वक्त को निभाना मुश्किल।

हार कर रुक जाना आसान है, काँटो पर चलते जाना मुश्किल।।


जब सोचूं की,खुद के लिए वक़्त नही है, दिन भर है भागा दौड़ी,

नींद नही है आँखों में, ड्यूटी सर पर, और करनी भी है जरूरी,

साँस लेते जाना आसान है, ज़िन्दगी का साथ निभाना मुश्किल।

हार कर रुक जाना आसान है, काँटो पर चलते जाना मुश्किल।।


दोस्तों तुम सब से, सीख मिली है, ज़िन्दगी नाम है बस चलना,

तुम सब ने ही समझाया, लेखक बनना ये मेरे जीवन का सपना।

सपना संजोना आसान है, सपनों के लिए सब छोड़ना मुश्किल।

हार कर रुक जाना आसान है, काँटो पर चलते जाना मुश्किल।।


मैं पंकज हूँ, काया मिटती है, मेरी आभा मिटनी है मुश्किल,

बहारों ने समझाया, मौसम बदले पर, खुशबू ही मेरी मंज़िल,

खुद को प्यार करना आसान है, लोगों की दुआएं पाना मुश्किल।

हार कर रुक जाना आसान है, काँटो पर चलते जाना मुश्किल।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama