STORYMIRROR

चलो फिर से अजनबी हो जाएँ...

चलो फिर से अजनबी हो जाएँ...

1 min
13.8K


चलो फिर से अजनबी हो जाएँ,

चलो टूटे रिश्ते को निभाएँ,

चलो फिर से दोस्ती निभाएँ,

एक बार फिर तन्हाइयों को पास बुलायें।


पास बुला के वक्त बिताएं,

अश्कों को फिर से बुलायें,

सदा के लिए उनको पोंछ कर दिखाएं,

एक बार फिर मुस्कुराहट को वापस लाएं।


एक बार और उनसे दोस्ती निभाएँ

चलो फिर से अजनबी हो जाएँ...।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama