चलो कुछ नया बनाते हैं
चलो कुछ नया बनाते हैं
चलो कुछ नया बनाते हैं,
कुछ तुम बनाओ, कुछ हम बनाते हैं,
फूल से भी और कांटों से भी सजाते है,
प्रेम की एक नई दुनिया बसाते हैं
कुछ तुम रचो, कुछ हम रचते हैं,
चलो अब गम में भी मुस्काते हैं,
खुशी मिले न मिले,
मुस्कान मन में लाते हैं,
और होठों पर सजाते हैं
चलो कुछ नया बनाते हैं,
इस धरा को सजाते हैं,
सब बदले न बदले,
हम ही बदल जाते है,
हर पल कुछ नया सजाते है,
हर पल कुछ नया बनाते हैं,
प्रेम, सद्भाव, सौहार्द से
खुद को अब सजाते हैं,
चलो खुद बदल कर
एक बदलाव लाते हैं,
चलो एक बदलाव लाते हैं,
चलो एक बदलाव लाते हैं।।
