मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो। मंदिर में शंख फूंक दो या अजान पढ़ दो, नहीं कोई बैर अब, ऐसा कोई जयघोष कर दो।
अगर दीप जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं अगर दीप जलाना है हमको तो पहले प्रेम की बाती लाएं
यौवन जल किंचित नही प्राप्त भाग्य दुर्भाग्य एकाकी वीरान यौवन जल किंचित नही प्राप्त भाग्य दुर्भाग्य एकाकी वीरान
नफ़रत खाना, नफ़रत पीना, वो नफ़रत ही ओढ़ेंगे। नफ़रत खाना, नफ़रत पीना, वो नफ़रत ही ओढ़ेंगे।
रोकना नहीं मुझे अपने कदमों को मुझे इस दुनिया से कहीं दूर जाना है। रोकना नहीं मुझे अपने कदमों को मुझे इस दुनिया से कहीं दूर जाना है।
वह सुबह कब आएगी जो संघर्षों का सुभोर होगी। वह सुबह कब आएगी जो संघर्षों का सुभोर होगी।