चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
जो रुठ गए है, उन्हें मनाने का काम करते है।
जो भूल गए है, उन्हें माफ़ करते है।
कुछ भी हो इस दिल की मैल को साफ़ करते है।
चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
दीयों से रोशन शाम करते है,
रिश्तों के बीच लगी चिंगारियों के आगे राम-राम करते है।
कड़वे बोल के आगे चुप का बाण चलाते है,
चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
महँगे कपड़ों में लिपटीं झूठी शान को न करते है,
अच्छे विचारों को जीवन की ढाल बनाते है,
बीते वक्त को गुज़रा हुआ काल समझते है,
चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
