जब भी हम कुछ बोलते हैं लोग उसको सही से समझते नहीं है, इलज़ाम हमारे ऊपर लगाकर हमेशा हम जब भी हम कुछ बोलते हैं लोग उसको सही से समझते नहीं है, इलज़ाम हमारे ऊपर लगाकर...
क्या तुम समझते हो मेरा दर्द? अरे! जिस्मानी नहीं रूहानी है क्या तुम समझते हो मेरा दर्द? अरे! जिस्मानी नहीं रूहानी है
ख़ूब समझते चाल आपकी ख़ूब समझते चाल आपकी
तुम्हें अपना समझते हैं आँखो का सपना समझते हैं तू दूर ना होना रे हमसे कभी इसी सोच से तुम्हें अपना समझते हैं आँखो का सपना समझते हैं तू दूर ना होना रे हमसे कभी ...
कुछ भी हो इस दिल की मैल को साफ़ करते है। चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है। कुछ भी हो इस दिल की मैल को साफ़ करते है। चलो इस दीवाली कुछ ख़ास करते है।
सब को समझते समझाते मैं नासमझ हो गयी सब को समझते समझाते मैं नासमझ हो गयी