चलो चले उस अंधियारे में
चलो चले उस अंधियारे में
दुनियादारी को ताक पर रख
चलो चले उस अंधियारे में,
जहां छोड़ा था ख़्वाब पुराना
चलो चले उस पथ पर फिर से,
जहां खोया था चांद पुराना
देखे भी अब कैसा है वह
जो खोया था एक पल में ही,
सब बंधन को छोड़ अकेले
निकल गया था आधे मन से,
अब चलो उसकी खोज करें हम
खुद पर फिर से गौर करें हम।
