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VIVEK ROUSHAN

Romance

2  

VIVEK ROUSHAN

Romance

चले आओ

चले आओ

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चले आओ,कुछ वक़्त

मेरे साथ बिताओ।

मेरे जख्मों पर भी

जरा मरहम लगाओ। 

देखो,मैं कितना 

तन्हा हो गया हूँ।

तुम बिन मैं 

अधूरा हो गया हूँ।

रास्तो पर बस 

चलता ही जा रहा हूँ ।

ऐसा लगता है 

अपनी मंज़िल से दूर हो गया हूँ।



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