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Husan Ara

Abstract

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Husan Ara

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चल चला चल

चल चला चल

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चल चलते हैं,

कहीं झिलमिल सितारों में।

नदिया किनारों पर,

कहीं ऊंचे पहाड़ों में।।


रौशन सवेरे हों,

राते सुनहरी हों।

शामें भी प्यारी हों,

ठंडी दुपहरी हों।।

चल चलते हैं ,

कहीं सुंदर नजारों में।

जादू की नगरी की,

मोहक बहारों में।।


कोई नाम भी जहां,

बस जानता ना हो।

सूरत से भी कोई वहां,

पहचानता ना हो।।

चल चलते हैं,

कहीं बेफिक्र ठिकानों में।

खुशियों की बस्ती में,

हंसते मकानों में ।।


चल चलते हैं कहीं....






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