चेतना
चेतना
तुम क्या सोचते हो!
तुम्हारी मृत चेतना और
क्रूर गर्व के सामने
मेरे विचार
जल्द ही युद्ध विराम की घोषणा करेंगे !
आज , कल या किसी ओर दिन
इस कोमल चेहरे की सजावट खुल जाएगी
तब कौन होगा !
तुम्हारे पास ?
न तो रिश्तेदार और न ही दोस्त
जब सभी गलतियाँ ,
एक के बाद एक,
आपका भाग्यगणना करेंगी
आपको सही और गलत के संतुलन में तौला जाएगा ;
तब
मैं तुम्हें देखने के लिए बहुत दूर खड़ी रहूँंगी
तुम्हारी चेतना
और क्रूरता बोझ में दबे
एक लाचार आत्मा पर
चुपचाप शोक मनाने के लिए !