STORYMIRROR

Aishwarya Mishra

Inspirational Children

4  

Aishwarya Mishra

Inspirational Children

वर्षा ऋतु

वर्षा ऋतु

1 min
579

उमड़ घुमड़ कर रिमझिम सुर में

देखो वर्षा ऋतु है आई

धरती के कण-कण में आनंद

हरी-भरी सुंदरता छाई


घनन घनन घन गरजे बादल

आसमान में चमके बिजली

पेड़ पौधे सब मुस्कुरा उठे और

जग में छाई प्यारी हरियाली


कल कल सुर में बहती नदियां

देखो खुशी से झूम रही है

जंगल में नाच रहा मोर है

चमन में कलियां खिल रही है


भीग रहे बच्चे सड़कों पर

कागज की कश्तियां तैर रही है

कुह कुह सुर में गा रहे पपिहैं

मधुर संगीत सुना रहे हैं


सोंधी सोंधी महक मिट्टी की

सबके मन को लुभा रही हैं

नवजीवन की ज्योत जलाकर

बारिश की बूंदें बरस रही है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational