थोड़ी देर
थोड़ी देर
कितना भागोगे जिंदगी के पीछे
थोड़ा ठहर कर भी सोचते हैं
थके हुए इन कंधों से
कुछ जिम्मेदारियों का बोझ उतारते है
चलो थोड़ी देर साथ बैठते हैं
उगते हुए सूरज को बहुत कर लिया सलाम
आज डूबता हुआ सूरज देखते हैं
बहुत पी ली ऑफ़िस की कॉफी
आज शाम चाय की चुस्की लेते हैं
चलो थोड़ी देर साथ बैठते हैं
बहुत हो गई धीमी सी मुस्कान
आज दिल खोल कर हँसते हैं
घुट घुट कर जी लिया बहुत
अब फैला के बाहें, ख़ुशियों को
गले लगाते हैं
चलो थोड़ी देर साथ बैठते हैं
ना मोहब्बत, ना दोस्ती
ना साथी और ना परिवार
आज थोड़ी देर खुद की बातें करते हैं
बहुत जी लिया औरों के लिए
आज कुछ पल खुद के लिए चुराते हैं
खुद की तलाश में खुद के साथ
चलो थोड़ी देर बैठ ही जाते हैं