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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

चेहरे पे चेहरा

चेहरे पे चेहरा

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सब लोगों ने चेहरे पे चेहरा लगा रखा है

लोगो ने भी क्या खूब चश्मा लगा रखा है


असली सूरत आज नजर नही आती है,

लोगो ने क्या खूब चेहरा सजा रखा है


न क्रीम की,न कोई पावडर की जरूरत,

दिखावे का क्या खूब रूप बना रखा है


सब लोगो ने चेहरे पे चेहरा लगा रखा है

असली चेहरे को पर्दे में छिपा रखा है


शीशे तो फिर भी सही अक्स बता देते,

लोगो ने तो शीशे को शीशा बता रखा है


पर तू आईने में सही अक्स को देखना,

सही अक्स ने ही सबको हंसा रखा है।


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