चुनाव
चुनाव
मेरा देश जल रहा है
रोटियाँ मत सेंको,
ये जो घास खा रहे हैं
साथ बैठकर झोंपड़े में तुम्हारे।
ऐसे भूखे भेड़ियों को
बोटियाँ मत फेंको,
ये आज तुम्हारे घर का पता,
पता करके आयेंगे।
लिखकर रख लो कल
ये खुद लापता हो जायेंगे,
ये आज हाथ जोड़
बकरी बन मिनमिनायेंगे।
देख लेना कल समाज सेवा के नाम पर
दाँत दिखा गुर्रायेंगे,
हिंदू-मुस्लिम, ऊँच-नीच,
जात-पात के नाम पर
वोट बाँट लिये जायेंगे।
और फिर एक बार हम
भ्रष्टाचार और महंगाई की मार खायेंगे,
घोटाले की कढ़ाई में
बिरयानी पकेगी,
ये सारी डकार जायेंगे।
फिर खुद जाँच बिठायेंगे
और बाइज़्ज़त बरी कर दिये जायेंगे।।
