चौथा स्तंभ
चौथा स्तंभ
हुआ एक हादसा मेरे पड़ोस में, भीड़ लगी थी भारी
किसके साथ है क्या हुआ, जमा हुए देखने नर नारी।
खबरों के चैनल वालो ने भी, थी कतार लगाई
"ब्रेकिंग-न्यूज़" दिखाने की, इन सब में थी घाई।
टी.वी. पर आने की , कइयों ने थे जुगत लगाई
एंकर के साथ हुआ खड़ा कोई, किसी ने सूरत चमकाई।
हर किसी को था कौतूहल, की आखिर क्या हुआ है
जितने मुंह उतनी बातें, न सच किसी को पता है।
तभी कोई "खबरी" , अंदर की खबर लेकर आया
12 साल की मोना के भाई ने, गुस्से में था कहर ढाया।
घर में था झगड़ा भारी, उसमे टीना ने जान गंवाई
निर्दयता दिखलाने को, मोना ने ये सभा बुलाई।
इसी के साथ सब चैनलों ने, "ब्रेकिंग-न्यूज़" चलाई
सबसे पहले हम पहुंचे है, हर एक ने हवा बनाई।
मानवता को शर्मसार कर दिया, क्या हुआ है इंसां को
आखिर क्यों है इतना गुस्सा, क्या हुआ है मंशा को।
मानसिक स्वास्थ्य की बुरी थी हालात, कुछ ने पैनल बुलावाए
कुछ ने इसके लिए, मनोचिकित्सको के घर एंकर भिजवाए।
सुबह से शाम तक बस ये ही किस्सा छाया था
"लाश" को पहले हम दिखाए, सबका यही दावा था।
मान मुन्नवल पे मोना ने एक को अंदर आने दिया
रोते-रोते कैमरा के आगे , अपनी टूटी गुड़िया को किया।
देख के अंदर का नजारा , हर कोई कोमा में था
क्या इस खिलौने के लिए, सुबह से इतना ड्रामा हुआ।
अब हर न्यूज़ चैनल के, मुंह पे लगा ताला था
टी. आर.पी. के लिए , कई खबरों को टाला था ।
बात को बिना जाने ही, तिल का ताड़ बना डाला
खबर देना भी है सेवा, उसे व्यापार बना डाला।
देख के ऐसी सस्ती खबरें, हर कोई स्तब्ध है
जरा विचार करें, क्या खतरे में चौथा स्तंभ है।