माते ! तुम सचमुच महान हो ... अन्याय, अत्याचार का सर्वनाश किया ! तेरा ऋण हम चुका ना पायें, गौरवगान... माते ! तुम सचमुच महान हो ... अन्याय, अत्याचार का सर्वनाश किया ! तेरा ऋण हम चुक...
स्तंभ वो दरक गया जाने आयी वो कैसी तूफानी रात थी ! स्तंभ वो दरक गया जाने आयी वो कैसी तूफानी रात थी !
कोई कहेगा क्या ये सोचना है क्यों फिजूल बातों से भला डरूँ मैं क्यों कोई कहेगा क्या ये सोचना है क्यों फिजूल बातों से भला डरूँ मैं क...
मेरे जीवन के मजबूत आधारस्तम्भ, उनके बिना निरर्थक है ये जीवन। मेरे जीवन के मजबूत आधारस्तम्भ, उनके बिना निरर्थक है ये जीवन।
देख के ऐसी सस्ती खबरें, हर कोई स्तब्ध है जरा विचार करें, क्या खतरे में चौथा स्तंभ है देख के ऐसी सस्ती खबरें, हर कोई स्तब्ध है जरा विचार करें, क्या खतरे में चौथा ...