पापा
पापा
मेरे जीवन के मजबूत आधारस्तम्भ,
उनके बिना निरर्थक है ये जीवन
वट वृक्ष समान विशाल है अस्तित्व,
मेरे पापा ही है मेरा अडिग संबल।
तपती धूप में हैं वह शीतल झोंका,
हमारी गलतियों पर हैं सदा ही टोका,
अनुशासन का पाठ पढ़ाया सदा ही,
गलत राह पर चलने से उन्होंने रोका।
बनकर पथप्रदर्शक वह सदा ही रहे,
मेरी पीड़ा को समझा मेरे बिना कहे,
हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए,
हर दुख तकलीफ उन्होंने चुपके से सहे।
