चाय की शाम
चाय की शाम
आज शाम की चाय कैसी होगी
सोचना क्या है अच्छी ही होगी
पर शिल्पा के हाथों का स्वाद ना होगा उसमें
उस चाय की प्याली में सिर्फ़ एक चम्मच चीनी कम होगी
उस शाम को याद करते हम जब
ख़ाली कटोरी में कटोरी चाट होगी
उस चिल्ले में चटनी और इमली मिली होगी
उस दाबेली में ढूँढती में गुजरात का स्वाद होगी
वह रे शिल्पा तेरे साथ शाम बतियाने में क्या खूब होगी।