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Rabi Singh

Drama

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Rabi Singh

Drama

चाहत

चाहत

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तड़प बड़ी होती है चाहत में,

ये तुमको बताऊँ कैसे ?

हाले दिल तुमको,

दिखाऊँ कैसे ?


उलझन अपनी तुमको,

समझाऊँ कैसे ?

सोचा कई बार,

पर भूल जाऊँ कैसे ?


तड़प बड़ी होती है, चाहत में,

ये तुमको,

बताऊँ कैसे ?


खता जो हो गयी,

भुलाऊँ कैसे ?

उल्फत तुमको,

याद कराऊँ कैसे ?

छोड़ के मजधार में,

मैं जाऊँ कैसे ?


तड़प बड़ी होती है चाहत में,

ये तुमको बताऊँ कैसे ?

तुम हमको जलाओ,

भूल जाऊँ कैसे ?

मै हूँ तुम्हारा,

याद दिलाऊँ कैसे ?


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