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Rabi Singh

Drama

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Rabi Singh

Drama

हड़ताल

हड़ताल

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सुना है फिर से हड़ताल हो गयी

अबकी बार आर पार हो गयी

हम भी कूद पड़े

कि बात अबकी नाक के पार हो गयी


समझाया हमको भी अपनों ने

की कई बार हो गयी

समझे न हम लौ की भभक को

की ज्वाला तेज हो गयी


दोष हवा का नहीं

कमी तेल की हो गयी

अबकी पूरे प्रदेश में हड़ताल हो गयी

अबकी बार आर पार हो गयी


दूर थी अभी मंजिल

छेड़ नाव हो गयी

बर्फ की नाव में

मुसाफिर आग हो गयी

सुना है फिर से हड़ताल हो गयी

अबकी बार आर पार हो गयी ।।


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